सेम पीड़ित किसानों ने जिला कलैक्टर को सौंपा ज्ञापन
क्षतिग्रस्त हुए सिंचाई खालों का पुनर्निर्माण करवाने की मांग
सेमग्रस्त क्षेत्र में भूमि सुधार के लिए आर्थिक सहायता दिलवाने की मांग
नुमानगढ़, जुलाई (थरेजा): सेमग्रस्त इलाके में क्षतिग्रस्त हुए सिंचाई खालों का पुनर्निर्माण करवाने की मांग के संबंध में पीलीबंगा व रावतसर तहसील के सेम पीड़ित किसानों ने गुरुवार को सेम पीड़ित किसान संगठन के बैनर तले जिला कलैक्टर को ज्ञापन सौंपा।
सेम पीड़ित किसानों ने बताया कि पीलीबंगा-रावतसर तहसील क्षेत्र के भैरूसरी, 6 बीएचएम, जाखड़ांवाली, 18 एसपीडी, 7 एसटीबी, बड़ोपल, दौलतांवाली व मानकथेड़ी ग्राम पंचायतों की हजारों बीघा जमीन सेमग्रस्त है। सेम समस्या के समाधान के लिए 2018 में किसानों की मांग पर बड़ोपल गांव में पम्पिंग स्टेशन स्थापित कर पाइप लाइन के माध्यम से पानी को 6 नम्बर घग्घर डिप्रेशन में डाला गया था। इस पम्पिंग स्टेशन में 5 पम्प लगाए गए हैं।
उनमें से चार पम्प खराब हैं। बिछाई गई 2 पाइप लाइन भी जगह जगह से लीकेज है। पूरी क्षमता से पानी नहीं उठाया जा रहा। यदि मानसून की एक बारिश आती है तो लगभग 10 हजार बीघा क्षेत्र में किसानों की फसलों में जल भराव होने की आशंका है।
उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों को बार-बार अवगत करवाने के बावजूद इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। किसानों ने बताया कि इस क्षेत्र में सभी सिंचाई खाले पूर्णतया नष्ट हो चुके हैं। इन सिंचाई खालों का पुनर्निर्माण करवाया जाए। भैरूसरी से लेकर मानकथेड़ी तक सेम नाले की एक सेम पीडित किसानों ने जिला कलक्टर को एक अन्य ज्ञापन सौंप सेमग्रस्त क्षेत्र में भूमि सुधार के लिए आर्थिक सहायता दिलवाने की मांग की।
किसानों ने बताया कि पीलीबंगा तहसील की जाखड़ांवाली, बड़ोपल, मानकथेड़ी, 6 बीएचएम, भैरूसरी ग्राम पंचायतों में 40 वर्षों से सेम से घर-खेत उजड़ गए। इसके कारण क्षेत्र के लोग दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो गए। क्षेत्र के लोगों ने 2014 में एक वर्ष तक धरना चलाया, आमरण मुश्त सिल्ट सफाई करवाई जाए। 6 नम्बर डिप्रेशन में जल भराव की समस्या है। उसकी खुदाई कर 8 नम्बर डिप्रेशन से लिंक किया जाए।
अनशन भी किया। तत्कालीन जिला कलैक्टर ने 6 अक्तूबर 2015 को धरना स्थल पर पहुंचकर अनशन कर्मियों व धरनाथियों के साथ समझौता किया था। इसके अंतर्गत भूमि सुधार के लिए किसानों को आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक इस पर कोई विचार नहीं किया गया। इससे किसान काफी मायूस हैं।
किसानों ने मांग की कि समझौते के अनुसार भूमि सुधार के लिए उन्हें आर्थिक सहायता दिलवाई जाए।
इस मौके पर रामजीलाल, सुरेन्द्र सिंवर, कुलदीप, हनुमान, शंकरलाल धतरवाल, नन्दलाल, श्योपाल सहित कई अन्य किसान मौजूद थे।